Saturday, November 17, 2007
Poems By Vikram
जगमग जगमग दीप जलते,
उसी तरह तारे चमकते,
नीचे ज़मीन,
ऊपर आसमान,
चाँद शर्माता,
सूरज जलता ,
ये सब मिलके,
लगते कितने प्यारे ।
उसी तरह तारे चमकते,
नीचे ज़मीन,
ऊपर आसमान,
चाँद शर्माता,
सूरज जलता ,
ये सब मिलके,
लगते कितने प्यारे ।
Subscribe to:
Posts (Atom)
This is a Creative World of Vikram and Nandini - A work of Computer Paintings.....called "VIKNAN"